Saturday, March 19, 2011

हमरु गढवाल

"बेडु पाको बारो मासा- A Beautiful Garhwali Song"

बेडु पाको बारो मासा, ओ नरणी काफल पाको चैत मेरी छैला
बेडु पाको बारो मासा, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला – २
बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला – २ (कोरस)
भुण भुण दीन आयो -२ नरण बुझ तेरी मैत मेरी छैला -२
बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला – २
आप खांछे पन सुपारी -२, नरण मैं भि लूँ छ बीडी मेरी छैला -२
बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला – २
अल्मोडा की नंदा देवी, नरण फुल छदुनी पात मेरी छैला
बेडु पाको बातो मासा -२
त्यार खुटा मा कांटो बुड्या, नरणा मेरी खुटी पीडा मेरी छैला
बेडु पाको बातो मासा -२
अल्मोडा को लल्ल बजार, नरणा लल्ल मटा की सीढी मेरी छैला
बेडु पाको बातो मासा -२




ठंडो रे ठंडो ~ नरेन्द्र सिंह नेगी 

ठंडो रे थान्दू, मेरा पहाडी की हौवा ठंडी, पानी ठंडो -2
हो होहो, होहो होहो, आआआअ होहो होहो

एच उच्च ह्यू हिमाल, ठंडो ठंडो नीसू गंगा जी कु चाल, ठंडो ठंडो
एच उच्च ह्यू हिमाल, ठंडो ठंडो
नीसू गंगा जी कु चाल, ठंडो ठंडो
पैयां छान चान्य पन्ध्यार, होहो
छान बुग्याल ढाल दर, होहो
पैयां छान चान्य पन्ध्यार
छान बुग्याल ढाल दर
रुला पाक बोन उन्ध्यार, ठंडो
ठंडो
ठंडो रे ठंडो , मेरा पहाडी की हौवा ठंडी, पानी ठंडो -2

रौन्सुला बुरांस किला, ठंडो ठंडो
बाँझ देवदार चिल, ठंडो ठंडो
रौन्सुला बुरांस किला, ठंडो ठंडो
बाँझ देवदार chai, ठंडो ठंडो
डंडा उवार डंडा पार, होहो
बात घाटा काला धर, होहो
डंडा उवार डंडा पार
बाता घाटा काला धार
सार ख्यार गौण गुथ्यार, ठंडो
ठंडो
ठंडो रे ठंडो, मेरा पहाडी की हौवा ठंडी, पानी ठंडो -2

बाँध बू की चाल ढाल, ठंडो ठंडो
स्वामी जी बिना बग्वाल ठंडो ठंडो
बाँध बू की चाल ढाल, ठंडो ठंडो
स्वामी जी बिना बग्वाल, ठंडो ठंडो
घोर बोन खबर saar, होहो
चिठ्ठी का कतरी माँ प्यार, होहो 
घोर बोन खबर सार
चिठ्ठी का कतरी माँ प्यार 
फौजी भेजी तुई जग्वाल, ठंडो
ठंडो
ठंडो रे ठंडो, मेरा पहाडी की हौवा ठंडी, पानी ठंडो -2

पूस की चुइयाल रात, ठंडो ठंडो
सौझान्हीयुं की चवी बात, ठंडो ठंडो
पूस की चुइयाल रात, ठंडो ठंडो
सौझान्हीयुं की चवी बात, ठंडो ठंडो
मिथु माया कु पाग, होहो
जलौन्य जवानी की आग, होहो
मिथु माया कु पाग
जलौन्य जवानी की आग
गुस्सा नस्सा रीस राद, ठंडो
ठंडो
ठंडो रे ठंडो, मेरा पहाडी की हौवा ठंडी, पानी ठंडो -2
हो होहो, होहो होहो, आआआअ होहो होहो
 
सुरमा सरेला lyrics (Singer - नरेन्द्र सिंह नेगी)

द्वि गति बैसक सुरमा, मेरा मुलुक मेला द्वि गति बैसाख सुरमा,
मेरा मुलुक मेला मेरा मुलुक मेला ए जाई मेरी सुरमा सरेला, 
सुरमा ए जाई मेरी सुरमा सरेला, 
सुरमा ए जाई द्वि गति बैसाख सुरमा, 
मेरा मुलुक मेला द्वि गति बैसाख सुरमा, 
मेरा मुलुक मेला मेरा मुलुक मेला ए जाई मेरी सुरमा सरेला,
सुरमा aye जाई मेरी सुरमा सरेला, सुरमा ए जाई मेरी सुरमा सरेला...

चीलामी को पीच सुरमा, चीलामी को पीच चीलामी को पीच सुरमा, 
चीलामी को पीच बड़ी दिनु बीतीं सुरमा,
तेरी खुद लगीं च तेरी खुद लगीं च सुरमा,
तेरी खुद लगीं च उखी चरखी रिय्तायीं, 
सुरमा उखी खाते मिटाईं, सुरमा उखी मंदिर माँ दुला,
सुरमा उखी पूजा पीठें ए जाई मेरी सुरमा सरेला, सुरमा ए जाई...

हुकः परायी नयी सुरमा, हुकः परायी नयी हुकः परायी नयी सुरमा, 
हुकः परायी नयी बड़ी दिनों बतीन तू सुरमा, 
सुप्नियो माँ नि ई सुप्नियो माँ नि ई सुरमा,
सुप्नियो माँ नि ई उखी लगलू बाजार, सुरमा उखी मुल्योला हार,
सुरमा उखी चुयूं की बहार, सुरमा उखी हुलु करार ए जाई मेरी सुरमा सरेला,
सुरमा ए जाई...

देह जमाई ठेकी सुरमा, देह जमाई ठेकी देह जमाई ठेकी सुरमा,
देह जमाई ठेकी बड़ी दिनु बतीन सुरमा, 
तेरी मुखडी नि देखि तेरी मुखडी नि देखि सुरमा, 
तेरी मुखडी नि देखि उखी डालूँ का चेला, सुरमा उखी रसा झुमैला,
सुरमा उखी द्येलु सुराख,
सुरमा सम्लोंया रुमैला ए जाई मेरी सुरमा सरेला, सुरमा ए जाई...

खान्सू काटी घास सुरमा, खान्सू काटी घास खान्सू काटी घास सुरमा,
खान्सू काटी घास बड़ी दिनु बिचोद सुरमा, 
बलि जवानी कु नाश बलि जवानी कु नाश सुरमा, 
बलि जवानी कु नाश मेरा दिले तू लारी, 
सुरमा साडी दुनिया से न्यारी, सुरमा मेरा माने की प्यारी,
सुरमा सौं बचन न हारी ए जाई मेरी सुरमा सरेला, सुरमा ए जाई...

द्वि गट्टी बैसाख सुरमा, मेरा मुलुक मेला द्वि गति बैसाख सुरमा, 
मेरा मुलुक मेला मेरा मुलुक मेला ए जाई मेरी सुरमा सरेला,
सुरमा ए जाई मेरी सुरमा सरेला, सुरमा ए जाई मेरी सुरमा सरेला......

गढ़वाली Songs Lyrics

Lyrics of घुगुती घूरों लगी म्यार मेटा की 



घुगुती घूरों लगी म्यार मेटा की 
बौडी बौडी आये गी ऋतू, ऋतू चेत की 

डंडी कांठियों को हुए, गौली गए होलू 
म्यार मेटा को बोन, मौली गए होलू 
चाकुला घोलू छोड़ी, उड़ना हवाला -2 
बेठुला मेतुदा कु, पेताना हवाला 
घुगुती घूरों लगी हूऊऊऊऊऊऊऊऊ 
घुगुती घूरों लगी म्यार मेटा की 
बौडी बौडी आये गी ऋतू, ऋतू चेत की 
ऋतू, ऋतू चेत की, ऋतू, ऋतू चेत की 

दंदियुं खिलाना होला, बुरोसी का फूल 
पथियुं हैसनी होली, फ्योली मोल मोल 
फुलारी फुल्पाती लेकी, देल्हियुं देल्हियुं जाला -2 
दग्द्य भाग्यां थाद्य, चौपाल लागला 
घुगुती घूरों लगी हूऊऊऊऊऊऊऊऊ 
घुगुती घूरों लगी म्यार मेटा की 
बौडी बौडी आये गी ऋतू, ऋतू चेत की 
ऋतू, ऋतू चेत की, ऋतू, ऋतू चेत की 
तिबारी माँ बैठ्या हवाला, बाबाजी उदास
बतु हेनि होली माजी, लगी होली सास 
कब म्यार मैती औजी, देसा भेंटी आला -2 
कब म्यार भाई बहनों की राजी ख़ुशी ल्याला 
घुगुती घूरों लगी हूऊऊऊऊऊऊऊऊ 
घुगुती घूरों लगी म्यार मेटा की
बौडी बौडी आये गी ऋतू, ऋतू चेत की 
ऋतू, ऋतू चेत की 
ऋतू, ऋतू चेत की 
ऋतू, ऋतू चेत की 
ऋतू, ऋतू चेत की


 

हमरु गढवाल

 री देवी

धरी देवी अलकनंदा नदी के किनारे बना हुआ है! इसकी श्रीनगर (पौड़ी गढ़वाल) से दूरी १९ कि.मी है, जो की श्रीनगर-बद्रीनाथ highway पर है!
ऐसा माना जाता है की धारी देवी की मूर्ती को छत के नीचे नही रखा जाता है! इसी कारण मूर्ति को खुले में रखा जाता है! और धारी देवी की मूर्ति की तश्वीर लेना भी वर्जित है!
स्थानिय ग्रामीणों के अनुसार एक बार मंदिर बाढ़ आ गई तो मूर्ति चल कर एक चट्टान पर आ गई और रोने लगी, जब ग्रामीणों ने मूर्ति का रोना सुना तो वे उस जगह पे गये,
तो का दिव्य सकती ने उने मूर्ति उसी जगह पे स्थापित करने को कहा! तब से वो मूर्ति उसी जगह पे स्थापित है, और धारी देवी क नाम से जानी जाती है!




"Danda Nagraj Temple Pauri Garhwal"

This is lord srikrishna temple, when god came to Uttaranchal first time, came in the snake form by crawling and reached to the ridge of the hill hence this temple named as “Danda Nagraj Temple”. People in this area strongly believe that real god is staying here and so powerful, if you pray here sincerely, your wish will be fulfilled. Every year in April month the famous “Kauthig” is celebrated here. This temple is situated in top of hill in plane area with ample space around the temple, also you will observe some thousands of bells are tied in the temple premises by devotees who’s wish is fulfilled. Also you will find the devotees are offering jaggery (gur) sweet as prasad to the god.


Garhwal Mela's


"भुन्खाल मेला:"

भुन्खाल कु मेलु पौड़ी गढ़वालो कु प्रसिद्ध मेलु चा!
इ मेला मा काली की पूजा की जांदी चा, और बागी (Buffulow) की बलि दी जांदी चा! 





"नंदा देवी रज जात यात्रा विडियो"

The Raj Jat yatra is a perfect gateway to total bliss. The festival happens once in twelve years so the next one will be in 2024. Its sanctity for locals is equal to Kumbh and it is one of the most lively and colourful festivals in the region.